चन्द्रमा पर परमाणु विस्फोट की थी योजना

वॉशिंगटन

अमेरिका के मून मिशन को लेकर बताया जा रहा है कि अमेरिका की योजना चांद पर परमाणु विस्फोट करने की थी। एडवांस्ड एयरोस्पेस थ्रेट आइडेंटिफिकेशन प्रोग्राम के तहत अमेरिका ने अपने इस मिशन पर भारी-भरकम खर्चा किया, लेकिन उम्मीद अनुरूप सफलता नहीं मिली।
‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सरकार के एडवांस्ड एयरोस्पेस थ्रेट आइडेंटिफिकेशन प्रोग्राम (एएटीआईपी) के दस्तावेजों से पता चलता है कि यह चंद्रमा पर एडवांस तकनीक का परीक्षण करने की योजना बना रहा था, जिसमें विजिबिलिटी क्लोक्स, और एंटीग्रेविटी डिवाइस, ट्रैवर्सेबल वर्महोल्स और परमाणु विस्फोट करके चंद्रमा पर सुरंग बनाना शामिल था। हालांकि अब एएटीआईपी निष्क्रिय है और यह संस्था काम नहीं कर रही है।
रिपोर्टों के अनुसार, इनमें से किसी भी तकनीक को आगे नहीं बढ़ाया गया। भारत में सूचना के अधिकार के समान सूचना की स्वतंत्रता अधिनियम (एफओआईए) के तहत वाइस ने इन दस्तावेजों को हासिल किया है। इनमें पूर्व सीनेटर हैरी को इसके लिए जिम्मेदार बताया गया है. दस्तावेजों के मुताबिक, अमेरिका चांद के कोर में खुदाई करना चाहता था. इसकी वजह थी स्टील जितनी मजबूत, लेकिन उससे 100,000 गुना हल्की धातु की खोज। जिसका उपयोग अंतरिक्ष यान बनाने के लिए किया जा सकता था। मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों की चंद्रमा के कोर तक पहुंचने के लिए थर्मोन्यूक्लियर विस्फोटकों के साथ लूनर क्रस्ट और मेंटल के माध्यम से एक सुरंग बनाने की योजना थी। हालांकि, इस योजना पर पूरी तरह अमल नहीं हो सका।

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