रणजी ट्रॉफ़ी में लगातार दूसरी बार फ़ाइनल में जाने के इरादे से मैदान पर उतरेगी बंगाल
बेंगलुरु
भारत के सबसे बड़े प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफ़ी का 87वां संस्करण सेमीफ़ाइनल के पड़ाव पर आ पहुंचा है। सेमीफ़ाइनल मुक़ाबले मंगलवार को बेंगलुरु में प्रारंभ होंगे जहां मध्य प्रदेश का सामना होगा बंगाल से और मुंबई की टक्कर होगी उत्तर प्रदेश के साथ।
बंगाल की नजऱ लगातार दूसरे फ़ाइनल पर: कप्तान आदित्य श्रीवास्तव पांच साल के थे जब मध्य प्रदेश आखऱिी बार रणजी ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में पहुंचा था। और तो और वर्तमान टीम का कोई भी खिलाड़ी पैदा भी नहीं हुआ था जब इस टीम ने 1945-46 में आखऱिी बार ख़िताब अपने नाम किया था। हालांकि इस बार मध्य प्रदेश के पास चमचमाती ट्रॉफ़ी अपने नाम करने का बढिय़ा मौक़ा है।
क्वार्टर-फ़ाइनल में पंजाब को 10 विकेट से मात देकर आ रही मध्य प्रदेश के लिए फ़ाइनल में जाना इतना आसान नहीं होगा। बेंगलुरु के जस्ट क्रिकेट मैदान पर उनका सामना होगा बंगाल की मज़बूत टीम से।
मध्य प्रदेश के पास कुमार कार्तिकेय, अक्षत रघुवंशी और रजत पाटीदार के रूप में कई मैच विनर खिलाड़ी हैं। यश दुबे, पाटीदार और शुभम शर्मा प्रत्येक ने इस सीजऩ चार मैचों में 400 से अधिक रन बनाए हैं। वहीं 19 विकेट लेकर कार्तिकेय अपनी टीम के सबसे सफल गेंदबाज़ रहे हैं। इसके अलावा तेज़ गेंदबाज़ अनुभव अग्रवाल और गौरव यादव ने आपस में 25 शिकार किए हैं जबकि पुनीत दाते और सारांश जैन ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया हैं।
वहीं दूसरी तरफ़ बंगाल को परिस्थितियों की अच्छी समझ होगी क्योंकि कुछ दिन पहले इसी मैदान पर उन्होंने क्वार्टर-फ़ाइनल का मैच खेला था। 2019-20 सीजऩ के उपविजेता ने अपने तीन ग्रुप मैच जीतकर और क्वार्टर-फ़ाइनल में पहली पारी में भारी बढ़त लेने के बाद मैच ड्रॉ कर टॉप चार में जगह बनाई है।
बंगाल की उम्मीदें इशान पोरेल, मुकेश कुमार और आकाश दीप की पेस तिकड़ी पर टिकी होंगी जिसने इस सीजऩ 40 विकेट झटके हैं। इसके अलावा टीम में शाहबाज़ अहमद हैं जिन्होंने चार मैचों में 344 रन बनाने के साथ-साथ 12 विकेट अपने नाम किए हैं।
साथ ही अनुभवी बल्लेबाज़ मनोज तिवारी ने झारखंड के विरुद्ध 73 और 136 रन बनाकर अपनी लय प्राप्त कर ली है। मार्च 2020 में ट्रॉफ़ी जितने के काफ़ी कऱीब आने के बाद तिवारी, जो 2005-06 और 2007-08 में भी उपविजेता टीम का हिस्सा थे, बंगाल को चैंपियन बनाना चाहेंगे।