एमवीए सरकार 2019 में बन सकी क्योंकि अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया: सुनील तटकरे

राकांपा के वरिष्ठ नेता सुनील तटकरे ने बुधवार को दावा किया कि अगर नवंबर 2019 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार में अजित पवार को उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया होता तो एमवीए सरकार नहीं बनती।

यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने यह भी दावा किया कि यदि उस समय गुप्त मतदान हुआ होता तो तत्कालीन सरकार शक्ति परीक्षण के दौरान बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाती।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अजित पवार गुट की महाराष्ट्र इकाई का नेतृत्व करने वाले तटकरे ने कहा, “अगर विश्वास मत के समय गुप्त मतदान होता तो सरकार बहुमत के आंकड़े को पार नहीं कर पाती।”

जुलाई 2020 में 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 169 विधायकों के समर्थन के साथ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार ने शक्ति परीक्षण में जीत हासिल की थी। सरकार में शिवसेना (अविभाजित), राकांपा और कांग्रेस शामिल थे।

अजित पवार उस समय शरद पवार की अध्यक्षता वाली राकांपा का हिस्सा थे। वह पिछले साल जुलाई में आठ विधायकों के साथ शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हुए और पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया।

तटकरे ने यह भी कहा कि जून 2022 में विधायकों के समर्थन से एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद अजित पवार विपक्ष के नेता बन गए थे।

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