अमेरिका को चीन की धमकी, ताइवान से व्यापार बातचीत बंद करने की मांग

बीजिंग ,

ताइवान मसले पर चीन और अमेरिका एक बार फिर भिड़ते नजर आ रहे हैं। चीन ने ताइवान और अमेरिका के बीच एक नई व्यापार पहल का कड़ा विरोध किया है। चीनी वाणिज्य और विदेश मंत्रालय ने वाशिंगटन को चेतावनी दी है कि यदि समझौता हुआ और यह अलगाववादियों को गलत संदेश भेज रहा है तो नतीजे भुगतने होंगे।
अमेरिका ने  ताइवान को आईपीईएफ से बाहर रखा
अमेरिका और ताइवान ने 1 जून को 21 वीं सदी के व्यापार पर अमेरिका-ताइवान पहल की घोषणा की। इसके कुछ ही दिनों बाद बाइडेन प्रशासन ने ताइपे को इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क से बाहर रखा, जिसमें भारत भी शामिल है, जिसे बीजिंग के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए डिजाइन किया गया है।
अमेरिका पर भडक़े चीनी प्रवक्ता
चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा है कि अमेरिका को ताइवान के अलगाववादियों को गलत संदेश भेजने से बचने के लिए ताइवान के साथ व्यापार और आर्थिक संबंधों को समझदारी से संभालना चाहिए। चीन हमेशा किसी भी देश और चीन के ताइवान क्षेत्र के बीच किसी भी प्रकार के आधिकारिक आदान-प्रदान का विरोध करता है, जिसमें संप्रभु अर्थों और आधिकारिक प्रकृति के साथ किसी भी आर्थिक और व्यापार समझौते पर बातचीत और हस्ताक्षर करना शामिल है।
अमेरिका का क्या कहना है?
इससे पहले एक बयान में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ने कहा कि दोनों पक्ष बढिय़ा गति से काम करेंगे। हम उच्च-मानक प्रतिबद्धताओं और आर्थिक रूप से सार्थक परिणामों के साथ समझौतों तक पहुंचने के लिए वार्ता के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप विकसित करेंगे। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस समझौते से अमेरिका और ताइवान के बीच आर्थिक सहयोग के लिए और अधिक जगह खुलेगी।

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