राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की असंतोषजनक, आर्थिक शोषण युक्त कार्यप्रणाली पर जताया आक्रोश
देहरादून
राजकीय पेंशनर्स परिषद के तत्वावधान में आयोजित प्रांतीय सम्मेलन में राज्य के अनेक जनपदों से आए पेंशनरों ने भाग लिया। इस अवसर पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की असंतोषजनक, आर्थिक शोषण युक्त कार्य प्रणाली पर आक्रोश व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रांतीय सम्मेलन के दौरान 85 वर्षीय पेंशनर बलदेव सिंह ने बताया कि पिछले आठ-नौ महीनों से उनका डेढ़ लाख रुपए का चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिल स्वास्थ्य महानिदेशक के कार्यालय में रुका हुआ है और इस वृद्ध अवस्था में उन्हें बार-बार वहां के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इस अवसर पर नियमित वर्कचार्ज कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विक्रम सिंह गुसाईं ने कहा कि लोक निर्माण विभाग में बेलदार, मेट, वर्क एजेंट आदि फील्ड कर्मचारियों से उनकी सेवानिवृत्ति के समय गलत वेतन निर्धारण के नाम पर कई-कई लाख रुपयों की रिकवरी की जा रही है जबकि ऐसे ही मामलों में राज्य का सिंचाई विभाग अपने विभाग के फील्ड कर्मचारियों का समान प्रकार से किया गया वेतन निर्धारण सही मानता है। इस अवसर पर परिषद् की प्रांतीय ऑडिटर उमा देवी ने इस बात पर दुःख व्यक्त किया कि पृथक् उत्तराखंड राज्य की स्थापना में राज्य कर्मचारियों ने ही अहम् भूमिका निभाई थी किन्तु आज सेवा से निवृत्त हो जाने पर सरकार उनकी ही उपेक्षा कर रही है। इस अवसर पर सेवानिवृत्त मुख्य विकास अधिकारी दिलीप चंद आर्य ने कहा कि कार्मिकों-पेंशनरों से वसूली जा रही अंशदान की राशि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण पर खर्च किया जाना गलत है। इस अवसर पर उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष सेवानिवृत्त अभियंता सतेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना को चलाने के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की कोई आवश्यकता नहीं है। इस अवसर पर सेवानिवृत्त जिला मनोरंजन कर अधिकारी सुशील त्यागी ने पेंशनरों के प्रति सरकार के उपेक्षा भाव के खिलाफ गांधी पार्क में कुछ घंटे मौन रहकर सांकेतिक प्रदर्शन करने का आह्वान किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक बृजभूषण गैरोला ने परिषद् के उपस्थित पदाधिकारियों एवं सदस्यों को आश्वस्त किया कि वह परिषद् द्वारा दिये गए ज्ञापन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सार्थक वार्ता करेंगे।