जीवन ज्योति बीमा योजना के लिए पूंजीगत जरूरतों में कटौती का फैसला
मुंबई
बीमा नियामक आईआरडीएआई ने सरकार की तरफ से संचालित प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) में बीमा कंपनियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए पूंजीगत जरूरतों से जुड़े मानकों में ढील दी है। भारतीय बीमा नियमन एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने कहा कि पीएमजेजेबीवाई की पेशकश करने वाली बीमा कंपनियों के पास रखी जाने वाली पूंजीगत जरूरत 50 प्रतिशत कर दी गई है। इससे बीमा कंपनियां जीवन ज्योति योजना के तहत कई नई पॉलिसी की पेशकश कर सकेगी। इससे समाज के निचले तबके के लोगों को वित्तीय सुरक्षा मुहैया कराने में मदद मिलेगी।
मानकों में बदलाव के बाद जीवन ज्योति योजना की पेशकश करने वाली बीमा कंपनियों के पास कम पूंजी की जरूरत होगी। इससे बीमा कंपनियों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को हासिल कर पाना आसान हो जाएगा। इसके पहले मोदी सरकार ने अपनी दो योजनाओं- पीएमजेजेबीवाई और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की प्रीमियम दरों में भी बदलाव करने की घोषणा की थी। अब जीवन ज्योति योजना की प्रीमियम दर 1.25 रुपये प्रतिदिन हो गई है, जिससे इसका वार्षिक प्रीमियम 330 रुपये से बढ़कर 436 रुपये हो गया है। इस योजना के तहत 31 मार्च, 2022 तक 6.4 करोड़ लोग पंजीकृत थे।
पीएमजेजेबीवाई के तहत 18-50 वर्ष की उम्र के बीमित शख्स को दो लाख रुपये का जीवन बीमा कवर दिया जाता है। वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक इस योजना के मद में कुल 9,737 करोड़ रुपये की प्रीमियम राशि जमा थी और दावों के एवज में 14,144 करोड़ रुपये के भुगतान किए गए थे।