संकाय सदस्यों की भर्ती मामले में जांच के निर्देश, आरक्षण नियमों की अनदेखी की गई
लखनऊ
एसजीपीजीआई में संकाय सदस्यों (फैकल्टी) की भर्ती मामले में जांच के निर्देश दिए गए हैं। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने पूरे प्रकरण की जांच कराकर रिपोर्ट तलब की है। इस आदेश के बाद संस्थान में हलचल मची है।
एसजीपीजीआई के डॉ. एलके भारती, डॉ. बसंत कुमार और डॉ. हीरालाल ने अलग-अलग शिकायती पत्रों से संस्थान में हुई भर्ती के मामले में शिकायत की थी। इसमें बताया कि संस्थान में लंबे समय से प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी की जा रही है। पिछले साल निकाली गई 165 संकाय सदस्यों की भर्ती में 83 पद आरक्षित और 82 पद अनारक्षित श्रेणी में रखा गया है। विरोध के बाद यह भर्ती स्थगित कर दी गई है।
संस्थान में कार्यरत संकाय सदस्यों में अनारक्षित श्रेणी में 175 हैं और आरक्षित श्रेणी में 49 हैं। शिकायत कर्ताओं ने मांग की है कि आरक्षण नियमावली के तहत पहले बैकलॉग को भरा जाना चाहिए। संस्थान के शिक्षकों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को विभागवार एवं कैडरवार बैकलॉग संबंधित विवरण भेजा। इस पर आयोग ने संस्थान निदेशक को विवरण सहित पत्र भेजा है।
इसमें निर्देश दिया है कि पूरे मामले की नए सिरे से जांच कराई जाए। लाइजन अधिकारियों के संज्ञान में पूरा मामले रखते हुए विस्तृत आख्या तैयार की जाए। आयोग ने जांच रिपोर्ट भी तलब की है। संकाय सदस्य दो खेमे में बंटे नजर आ रहे हैं। एक खाली पदों को भरने से पहले बैकलॉग भरने की मांग पर अड़ा हुआ है तो दूसरा रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने की मांग कर रहा है।
एसजीपीजीआई के डॉ. एलके भारती, डॉ. बसंत कुमार और डॉ. हीरालाल ने अलग-अलग शिकायती पत्रों से संस्थान में हुई भर्ती के मामले में शिकायत की थी। इसमें बताया कि संस्थान में लंबे समय से प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी की जा रही है। पिछले साल निकाली गई 165 संकाय सदस्यों की भर्ती में 83 पद आरक्षित और 82 पद अनारक्षित श्रेणी में रखा गया है। विरोध के बाद यह भर्ती स्थगित कर दी गई है।
संस्थान में कार्यरत संकाय सदस्यों में अनारक्षित श्रेणी में 175 हैं और आरक्षित श्रेणी में 49 हैं। शिकायत कर्ताओं ने मांग की है कि आरक्षण नियमावली के तहत पहले बैकलॉग को भरा जाना चाहिए। संस्थान के शिक्षकों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को विभागवार एवं कैडरवार बैकलॉग संबंधित विवरण भेजा। इस पर आयोग ने संस्थान निदेशक को विवरण सहित पत्र भेजा है।
इसमें निर्देश दिया है कि पूरे मामले की नए सिरे से जांच कराई जाए। लाइजन अधिकारियों के संज्ञान में पूरा मामले रखते हुए विस्तृत आख्या तैयार की जाए। आयोग ने जांच रिपोर्ट भी तलब की है। संकाय सदस्य दो खेमे में बंटे नजर आ रहे हैं। एक खाली पदों को भरने से पहले बैकलॉग भरने की मांग पर अड़ा हुआ है तो दूसरा रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने की मांग कर रहा है।
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