आशा कार्यकर्ताओं ने किया बीएलओ ड्यूटी करने से मना
विकासनगर
आशा कार्यकर्ताओं की ब्लॉक मुख्यालय की ओर से बीएलओ ड्यूटी लगाए जाने से उनमें नाराजगी है। मंगलवार को उप जिला चिकित्सालय में आशा कार्यकर्ताओं ने बैठक कर सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हुए बीएलओ ड्यूटी नहीं करने का निर्णय लिया है। आशा कार्यकर्ता संगठन की अध्यक्ष सलिता चौहान ने कहा कि प्रदेश भर में आशा कार्यकर्ताएं जच्चा-बच्चा की देखभाल करती हैं, जिसके एवज में उन्हें नगद भुगतान किया जाता है। सरकार की ओर से किसी भी विभाग में बतौर कर्मचारी वे काम नहीं करती हैं और न ही उन्हें कोई मानदेय दिया जाता है। आशा कार्यकर्ता को सिर्फ महिलाओं के प्रसव उपरांत उनकी देखभाल के लिए मेहनताना दिया जाता है। ऐसे में एक सरकारी कर्मचारी के तौर पर उनसे काम लेना आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शोषण के समान है। कहा कि बिना मानदेय के आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग की हर योजना में अपना योगदान दे रही हैं, इसके साथ ही कोविड ड्यूटी भी उनकी ओर से की जा रही है। अधिकांश आशा वर्करों की ड्यूटी इन दिनों कोविड वैक्सीनेशन के तहत लगी हुई है। बावजूद ब्लॉक मुख्यालय की ओर से जबरदस्ती उनकी ड्यूटी बीएलओ के तौर पर भी लगाई जा रही है। कहा कि सरकार के एक तरफा निर्णय का आशा कार्यकर्ता विरोध करती हैं। बीएलओ ड्यूटी नहीं करने संबंधी निर्णय की जानकारी ब्लॉक मुख्यालय को भी दी जाएगी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जबरदस्ती बीएलओ ड्यूटी कराए जाने पर ब्लॉक मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान आफरोज, मीनू व्यास, सरिता तोमर, विमला मैठाणी, कांता देवी, बबली, प्रभा, शमीमा जहां, आरती, सुधा, रीना, मरियम आदि मौजूद रहे।