सुप्रीम कोर्ट ने की पत्रकार कप्पन की बेल याचिका पर सुनवाई, जारी किया कर्नाटक सरकार को नोटिस
नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की जमानत याचिका पर सुनवाई की। कप्पन के विरुद्ध यूपी सरकार ने यूएपीए और कथित हाथरस साजिश व अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज कराया है। कप्पन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि पीएफआई कोई आतंकवादी संगठन या प्रतिबंधित संगठन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह स्थगन की मांग वाली याचिका को स्वीकार नहीं करेगा, क्योंकि जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। कोर्ट ने याचिका पर कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट ने मामले के अंतिम निस्तारण के लिए नौ सितंबर की तिथि निर्धारित की है। लगभग दो साल सलाखों के पीछे बिता चुके कप्पन को अन्य आरोपियों के साथ अक्टूबर 2020 में यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जब वे हाथरस बलात्कार-हत्या अपराध की रिपोर्ट करने के लिए जा रहे थे। शुरू में उन्हें शांति भंग करने की आशंका के तहत गिरफ्तार किया गया था। बाद में, उन पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वह और उनके सह-यात्री हाथरस सामूहिक बलात्कार-हत्या के मद्देनजर सांप्रदायिक दंगे भड़काने और सामाजिक सद्भाव को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे।