दस वर्षीय रिद्धिमा सजवान ने लिख डाली पुस्तक ‘‘ट्रेप्ड इन टाइम’’

देहरादून

दून की एक नवोदित बाल लेखिका कुमारी रिद्धिमा सजवान की उम्र की अन्य बालिकायें जहां आज तकनीकी क्रांति के क्षेत्र में मोबाइल को अपना सहारा बना रही है और वहीं 10 वर्षीय रिद्धिमा सजवान पुस्तक ‘‘ट्रेप्ड इन टाइम’’ को लिख डाला। यहां परेड ग्राउंड स्थित उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू होते हुए रिद्धिमा सजवान ने कहा है अभी उनकी उम्र मात्र 10 वर्ष की है और दिल्ली पब्लिक स्कूल, देहरादून की कक्षा छह की छात्रा हैं। उन्होंने कहा कि मात्र पांच वर्ष की आयु से लेखन प्रारम्भ कर दिया था और अपना यह पहली पुस्तक मात्र एक सप्ताह की लगातार कड़ी मेहनत मंे लिख डाला। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में इस उम्र में जहां बच्चे विडियो गेम, टिकटोक और सोशल मीडिया मंे अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। इस अवसर पर अपनी पुस्तक का परिचय देते हुए उन्होंने बताया यह विस्तृत आकाश और ब्रहमाण्ड उन्हे बचपन से चौकाता रहा है। जब कभी भी वह आकाश की और देखती हैं तो उनकी परिकल्पनाए उन्हें कल्पनाओं के अद्भुत संसार मे ले जा कर उनके अन्तर्मन मे एक अलग ही स्पंदन पैदा करता है। उन्हीं भावों की अभिव्यक्ति के रूप मे उनके इस प्रथम उपन्यास का विमोचन कल 29 सितम्बर को सांय राजपुर रोड स्थित एक होटल में किया जायेगा। इस अवसर पर रिद्धिमा के पुस्तक के दो मुख्य पात्र ओलिविया और एवा दो दोस्त हैं। क्रिसमस के दिन अपनी दादी से उपहार स्वरूप मिली 1930 की एक पुरानी पॉकेट वाच ओलिविया को बहुत अजीब और बेकार लगती है लेकिन जल्दी ही वो उसकी जादुई शक्तियों के माध्यम से पहले तो भविष्य काल में पहंुच जाते हैं और फिर भूत काल की डार्क एज और जुरसिक एरा में पहुँच कर समय की गति मे बांध जाते हैं। इस अवसर पर वार्ता में माता दीक्षा, रिद्धिमा सजवान, संजय हांडा आदि उपस्थित रहे।

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