बाल विधानसभा में सीएम, मंत्री की भूमिका निभाने का मौके

देहरादून

उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बाल विधानसभा 2022 के लिए आवेदन मांगें हैं। विधानसभा में विधायक बनने वाले बच्चे सीएम और मंत्री चुनेंगे। ज्यादा बच्चों को मौका मिले, इसलिए बार पहले चरण में जिला स्तर पर बाल विधानसभाएं चलेंगी। जिले की विधानसभा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को राज्य स्तरीय विधानसभा के लिए चयनित किया जाएगा।
बाल आयोग की ओर से हर साल बाल विधानसभा का गठन किया जाता है, ताकि बच्चे लोकतांत्रिक व्यवस्था को नजदीक से समझ सके। आयोग ने इस बार की विधानसभा के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें 14 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चे प्रतिभाग कर सकते हैं। आवेदन पत्र के साथ 500 शब्दों का निबंध प्रस्तुत करना होगा। निबंध हस्तलिपि या टाइप भी हो सकता है। इसमें 250 शब्दों का निबंध ‘आप अपने को बाल विधायक के लिए क्यों उपयुक्त समझते हो और 250 शब्दों का निबंध ‘यदि आप विधायक चयनित होते हैं तो बच्चों के अधिकारियों के लिए क्या करेंगे विषय पर लिखना होगा। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने आरएनएस को बताया कि बाल विधानसभा के लिए आवेदन मांगें हैं। ज्यादा से ज्यादा बच्चों को मौका मिले, इसके लिए इस बार जिला स्तर पर भी बाल विधानसभाएं चलेंगी, यहां बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागी राज्य स्तर के लिए चयनित होंगे। इसके लिए हमने प्लान इंडिया और भुवनेश्वरी महिला आश्रम के लिए प्लान तैयार किया है।
आवेदन करने की अंतिम तिथि 11 अक्तूबर रखी गई है। आवेदन कार्यालय सचिव उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग नंदा की चौकी पो. ओ. चंदनवाड़ी विकासनगर रोड के पते पर भेज सकते हैं या किसी भी कार्यालय दिवस पर सुबह दस से शाम पांच बजे तक जमा कर सकते हैं।
अफसरों की बैठक लेने का मौका
राज्य की विधानसभा में सीएम बनने वाले छात्र या छात्रा को राज्य में एक दिन सीएम का काम संभालने का जिम्मा मिल सकता है। पिछले साल हरिद्वार की सृष्टि गोस्वामी को यह मौका मिला था। तब उन्होंने बाल दिवस पर सभी विभागों के अधिकारियों की बैठक ली थी।

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