टीबी के खात्मे को मांगा प्राइवेट डॉक्टर का सहयोग

रुड़की

उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने लक्सर में क्लीनिक चला रहे प्राइवेट डॉक्टरों के साथ ही नर्सिंग होम संचालकों की बैठक ली। बैठक में उन्होंने टीबी (क्षय रोग) को पूरी तरह खत्म करने के लिए विभागीय अभियान में उनका सहयोग मांगा। साथ ही उन्हें अपनी डिग्री और डिप्लोमे के मुताबिक इलाज करने की हिदायत भी दी।
डिप्टी सीएमओ हरिद्वार डॉ. अनिल वर्मा ने लक्सर में प्राइवेट डॉक्टरों की बैठक ली। कहा कि टीबी ऐसा रोग है, जो नियमित इलाज से पूरी तरह ठीक हो सकता है। सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर इसकी निशुल्क जांच और इलाज की सुविधा मौजूद है। पर, ज्यादातर मरीज इसकी जांच नहीं कराते हैं। लंबे समय तक सही इलाज न कराने पर इस रोग से रोगी की मौत भी हो सकती है। बताया कि टीबी को पूरी तरह खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग काफी पहले से अभियान चला रहा है। उन्होंने इस अभियान में सफलता को लेकर प्राइवेट डॉक्टरों का सहयोग मांगा। कहा कि टीबी के लक्षण का रोगी अगर उनके पास आए, तो उसे सरकारी अस्पताल भेजकर जांच जरूर कराएं। जांच में टीबी पॉजिटिव आने पर विभाग को सूचित करें, ताकि समय से उसका इलाज शुरू किया जा सके। उन्होंने क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टरों को हिदायत दी कि उनके पास जिस पैथी से चिकित्सा करने की डिग्री या डिप्लोमा है, उसी से मरीज का इलाज करें। ऐसा न होने पर कार्रवाई होगी। उन्होंने नर्सिंग होम के डॉक्टरों के नाम, उनकी डिग्री और मरीज देखने का समय बाहर बोर्ड पर लिखने के निर्देश दिए। बैठक में लक्सर सीएचसी से डॉ. नलिंद असवाल, डॉ. अनमोल सिंह, डॉ. उमादत्त शर्मा, डॉ. अमित कुमार, डॉ. कुलवीर सिंह, डॉ. सतेंद्र कुमार, डॉ. राजेंद्र वर्मा, डॉ. बलबीर सिंह और डॉ. अमित राय आदि मौजूद रहे।

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