वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में साहिबजादों के बलिदान पर निबंध प्रतियोगिता 26 को

देहरादून

दसवें गुरू श्री गुरू गोबिन्द सिंह के छोटे पुत्रों साहिबजादा जोरावर सिंह (9 वर्ष) और साहिबजादा फतेह सिंह (6 वर्ष) ने अपनी छोटी सी उम्र में ही 26 दिसम्बर 1705 में सिख पंथ के गरिमामयी गौरव की रक्षा हेतु अपने प्राणों को न्यौछावर करके भारत के इतिहास में सर्वोच्च बलिदान दिया था। साहिबजादों की वीरता एवं दिए गए सर्वोच्च बलिदान के सम्मान में 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी जो कि एक ऐतिहासिक व सराहनीय कदम है। 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में साहिबजादों के बलिदान पर निबंध प्रतियोगिता होगी। यहां गुरूद्वारा श्री हेमकुन्ट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट द्वारा उत्तराखण्ड सरकार एवं शिक्षा विभाग को पत्र के माध्यम से एक निबंध प्रतियोगिता आयोजित करवाने का प्रस्ताव दिया था जो कि सरकार एवं शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। इस अवसर पर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा ने इसके लिए गुरूद्वारा ट्रस्ट, उत्तराखण्ड सरकार एवं शिक्षा विभाग का धन्यवाद व आभार प्रकट किया है।

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