मन वचन और कर्म से श्रेष्ठ ही आर्य है : डॉ. निशंक
रुड़की
लक्सर में आर्य समाज के 88वें वार्षिक समारोह के तीसरे दिन रविवार को हवन व पूजन किया गया। इसके बाद आर्य समाज के विद्वानों ने भजन व प्रवचन के द्वारा लोगों को आध्यात्म के साथ जुड़कर मनुष्य बनने की अपील की। रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने बसेड़ी रोड पर आर्य समाज मंदिर में समारोह के तीसरे दिन के कार्यक्रमों की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि शास्त्रों के मुताबिक जो व्यक्ति मन, वचन और कर्म से श्रेष्ठ है, उसी को आर्य कहा जाता है। आर्य शब्द का प्रयोग महाकुल, कुलीन, सभ्य, सज्जन, साधु के लिए होता है। इसके बाद आर्य समाज के विद्वान अनुज शास्त्री, ऋषिपाल पथिक, अंकिता आर्य ने भजन व प्रवचन प्रस्तुत करते हुए लोगों को आध्यात्म की जानकारी दी।