शतगुरु के शरण में गए बिना भक्ति की प्राप्ति असंभव- आशुतोष महराज

गोरखपुर

9 जनवरी (आरएनएस)। हरि कथा दूसरा दिवस सूरजकुंड स्थित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान व श्रीराम लीला समिती आर्यनगर गोरखपुर  के तत्वाधान में 8 जनवरी से 12 जनवरी तक दोपहर 1 से 4 तक श्री रामलीला मैदान’ मानसरोवर सूर्यकुंड, जिला गोरखपुर में पांच दिवसीय श्री हरि कथा का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कथा के द्वितीय दिवस में आशुतोष महाराज की साध्वी शिष्या सुषमा भारती ने भक्त नामदेव का प्रसंग प्रस्तुत किया। भक्त नामदेव भगवान कृष्ण के अनन्य भक्त हुए हैं। जीवन में कई बार साक्षात भगवान कृष्ण का दर्शन प्राप्त किया, परंतु  भगवान कृष्ण के आदेश अनुसार नामदेव को सतगुरु की शरण में जाना पड़ा । सतगुरु के शरण में गए बिना भक्ति की प्राप्ति असंभव माना गया  है । सतगुरु हमारे जीवन में जब आते हैं केवल ईश्वर की बात नहीं करते हैं, शिष्य के मस्तक में कृपा का हस्त रख मानव के अंतर्जगत में ईश्वर का दर्शन भी कराते हैं ।भक्त नामदेव उस समय के पुर्णगुरु विशोवा खेचर की शरण में गए,। बारह वर्ष तक तपस्या की, उसके बाद आत्म ज्ञान के माध्यम से परमात्मा का दर्शन करने के पश्चात भक्ति के प्रचार में संलग्न हुए । दुनिया को बताया कि ईश्वर कथा कहानी का विषय नहीं है दर्शन का विषय है। साध्वी  ने आगे बताया आशुतोष महाराज समस्त वेदों शास्त्रों पर आधारित ब्रह्मा ज्ञान के माध्यम से दिव्य नेत्र खोल ईश्वर का दर्शन करवा देते है। मंचासीन स्वामी प्रबुधानंद जी, स्वामी स्वरूपानंद, अनसुईया सुषमा ,नेहा, और रितु  ने मधुर भजन गाकर सभा को मंत्रमुग्ध किया । कार्यक्रम के संयोजक श्रीमान पुष्पदंत जैन, (महामंत्री रामलीला समिति आर्य नगर गोरखपुर), रमेश चंद्र श्रीवास्तव धीरेंद्र श्रीवास्तव, विवेक अग्रवाल, डॉ सुनील कुमार त्रिपाठी ( उपाध्यक्ष भाजपा महानगर गोरखपुर ) राम बृक्ष यादव सिंघम उपस्थित रहे।

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