गुजरात में हिंदुत्व की लहर बरकरार रखने की कोशिश

राजकाज
गुजरात में पिछले 25 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। 2002 के विधानसभा चुनाव में गोधरा कांड के बाद हिंदू- मुस्लिम ध्रुवीकरण से गुजरात की राजनीति का रुख बदल गया था। 2002 के बाद से गुजरात में भाजपा के लिए कोई चुनौती नहीं थी। सत्ता में लंबे समय बने रहने के बाद भाजपा के प्रति जनता की नाराजगी और असंतोष खुलकर सामने दिखने लगा है।ऐसी स्थिति में गुजरात विधानसभा चुनाव के पूर्व बिलकिस बानो गैंगरेप और आठ हत्या के आरोपियों को सजा पूरी होने के पूर्व रिहाई करना, धार्मिक ध्रुवीकरण का हिस्सा माना जा रहा है। हत्या और गैंगरेप के 11 गुनहगारों की रिहाई से एक बार फिर गुजरात में धार्मिक ध्रुवीकरण की पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है। 20 साल बाद एक बार फिर गुजरात का चुनाव भारतीय जनता पार्टी हिंदुत्व के सहारे जीतने की तैयारी कर रही है। गैंगरेप और हत्या के सजायाफ्ता कैदियों को माफी देकर समय पूर्व छोड़ने की देश में बड़ी तीव्र प्रतिक्रिया हो रही है। गुजरात में तीन दशक से भाजपा की सरकार है।हिंदुत्व का कार्ड चुनाव मे कितना असर करेगा। यह समय ही तय करेगा।

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